नमस्कार। मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आज हम पोलीहाउस खेती के लाभ और सब्सिडी के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं।
अगर आप खेती को पेशे के रूप में अपनाना चाहते हैं, तो पॉलीहाउस खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। पॉलीहाउस खेती आप कम या सीमित जमीन में सालाना लाखों रुपए कमा सकते हैं। और फसले खराब मौसम, बारिश या अन्य जानवरों से पूरी तरह से सुरक्षित रखने के साथ परम्परागत खेती में बदलाव कर अधिक गुणा लाभ कमा सकते है। पॉलीहाउस में उगाए गयी सब्जी या फल उत्पाद में गुणवत्ता बहुत अच्छी होने के कारण बाजार में बेहतर कीमत मिलती है।
पोलीहाउस खेती |
क्या है पॉलीहाउस
पॉलीघर या पॉलीहाउस पॉलीथीन से बना एक सुरक्षात्मक शेड हाउस है जिसका उपयोग उच्च मूल्य के कृषि उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह अर्धवृत्ताकार, वर्गाकार या लम्बा हो सकता है। इसमें स्थापित उपकरणों की सहायता से गर्मी, आर्द्रता, प्रकाश आदि को नियंत्रित किया जाता है।
पॉलीघर या पॉलीहाउस पॉलीथीन से बना एक सुरक्षात्मक शेड हाउस है जिसका उपयोग उच्च मूल्य के कृषि उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जाता है। यह अर्धवृत्ताकार, वर्गाकार या लम्बा हो सकता है। इसमें स्थापित उपकरणों की सहायता से गर्मी, आर्द्रता, प्रकाश आदि को नियंत्रित किया जाता है।
स्वचालित प्रणालियों की मदद से तापमान और उच्च लाभ के कारण लोग पॉलीहाउस खेती की ओर रुझान कर रहे हैं। खुले खेतों में पारंपरिक खेती में हमेशा अप्रत्याशित जलवायु परिस्थितियों और कीटों और बीमारियां आने का जोखिम होता है।
अधिकांश लोग पोलीहाउस निर्माण के लिए होने वाले खर्च देखकर पोलीहाउस निर्माण नहीं कराते। लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि केन्द्र सरकार और बागवानी विभाग पोलीहाउस निर्माण के लिए 50-60% तक की सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं। और बैंक भी लोन देकर बढ़ावा दे रहे हैं।
पोलीहाउस खेती के लाभ :
• पोलीहाउस फसल को किसी भी मौसम में सही वातावरण सुविधा उपलब्ध कराने में मदद करता है।
• फसलों व फूलो को मौसम के आधार विशेष मौसम का इंतजार ना कर वर्ष भर उगाई जा सकती हैं।
• पॉलीहाउस खेती में कीट और बीमारियां लगने के आसार कम ही होते हैं। जिसमे फसल के नुकसान या क्षति की संभावना कम हो जाती है।
• जैविक खेती करने वाले कृषकों के लिए खासतौर पर पॉलीहाउस बहुत फायदेमंद होता है।
• पौधों की वृद्धि पर बाहरी जलवायु का प्रभाव नहीं पड़ता है।
• पॉलीहाउस में उत्पादन की गुणवत्ता स्पष्ट रूप से अधिक है।
• पारम्परिक खेती की तुलना में उपज की गुणवत्ता अधिक है।
• पॉलीहाउस में हमेशा बेहतर जल निकासी और बेहतर पौधों के विकास के लिए वातन प्रणाली होती है।
• ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर सिंचाई की मदद से उर्वरक प्रयोग आसान हो जाता है।
• पॉलीहाउस की खेती, फसल की देखभाल, उत्पादों की ग्रेडिंग प्रणाली कार्य आसान हो जाता है।
पोलीहाउस खेती के प्रकार
पोलीहाउस पर्यावरण के आधार पर दो प्रकार के होते हैं।
1. प्राकृतिक रूप से हवादार पोलीहाउस
2. पर्यावरण नियंत्रण पोलीहाउस
1. प्राकृतिक रूप से हवादार पोलीहाउस : इन पोलीहाउस में कोई विशेष पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली नहीं होती। प्राकृतिक रूप से हवादार पॉलीहाउस का उद्देश्य पौधों को प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों से बचाने के लिए है।
2. पर्यावरण नियंत्रण पोलीहाउस : इस प्रकार के पोलीहाउस वर्ष भर फसलों की उगाने के लिए तापमान , आद्रता जैसे पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली उपलब्ध कराते हैं।
पोलीहाउस की 3 श्रेणी होती है।
1. लॉ टेक(कम लागत) पोलीहाउस सिस्टम
2. मिडियम/ मध्यम टेक पोलीहाउस सिस्टम
3. हाई टेक पोलीहाउस सिस्टम
पोलीहाउस लागत और सब्सिडी :
पॉलीहाउस निर्माण की लागत मूल आकार और आकार, संरचना (जीआई / स्टील या लकड़ी) और पॉलीहाउस के प्रकार (पर्यावरण नियंत्रित या स्वाभाविक रूप से हवादार) पर निर्भर करती है।
पॉलीहाउस की लागत आपके द्वारा चुने गए सिस्टम और निर्माण क्षेत्र पर निर्भर करती है। जिसकी अनुमानित लागत क्षेत्रानुसार बदल सकती है।
• कम लागत / कम तकनीक वाले पॉलीहाउस के लिए फैनलेस सिस्टम और कूलिंग पैड सिस्टम के बिना। 400 से 500 रुपए /वर्ग मीटर
(शीतलन पैड और निकास पंखा प्रणाली स्वचालन के बिना )
• मध्यम लागत / मध्यम तकनीक पॉलीहाउस 900-1200 रुपए/ वर्ग मीटर ( शीतलन पैड और निकास पंखा प्रणाली के साथ )
• हाईटेक पॉलीहाउस पूरी तरह से स्वचालित नियंत्रण प्रणाली के साथ र 800 से 4000 रुपए / वर्ग मीटर।
पोलीहाउस सब्सिडी : हमारी भारत सरकार पोलीहाउस खेती के लिए बढ़ावा दे रही है। और बागवानी विभाग के माध्यम से पोलीहाउस निर्माण की लागत का 50-60% तक सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। अधिक जानकारी के लिए नेशनल हार्टीकल्चर बोर्ड के अधिकारियों के साथ कनेक्ट कर सकते हैं।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड सब्सिडी मानक
देखें।
साथ जिला उद्यान अधिकारी या निकटतम सरकारी कृषि विभाग से संपर्क कर की दिशा निर्देश दिए करते हैं।
बैंक द्वारा जारी बागवानी लोन :
कृषक हित के लिए खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के बैंक द्वारा जारी बागवानी लोन , पोलीहाउस निर्माण के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषक हित के लिए खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के बैंक द्वारा जारी बागवानी लोन , पोलीहाउस निर्माण के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सैन्टॄल बैंक आफ इंडिया के जारी लोन सूची पोलीहाउस निर्माण के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आने वाली लागत का 80% और अधिकतम ऋण सीमा 20 लाख रुपए तक की है।
जोकि सेन्ट पॉली हाउस, ग्रीन हाउस, शेड नेट हाउस योजना के अंतर्गत लोन दिया जा रहा है। जिसका उद्देश्य विभिन्न उच्च गुणवत्ता वाले वाणिज्यिक बागवानी फसलों जैसे फूलों, सब्जियों, फलों, औषधीय पौधों, मसालों आदि की संरक्षित खेती के लिए आवश्यकता-आधारित वित्तपोषण प्रदान करना तथा ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, शेड नेट आदि का निर्माण / स्थापना; आवश्यक उपकरण और कार्यशील पूंजी की खरीद और स्थापना करना है।
इस लोन योजना की पात्रता , ऋण सीमा , मार्जिन , ब्याज दर , जरूरी दस्तावेज आदि की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें और या अपने निकटतम शाखा अधिकारियों से बातचीत कर सहायता ले सकते हैं।
धन्यवाद। आशा करते हैं आपको पोलीहाउस खेती निर्माण के लाभ और सब्सिडी के बारे मे जानकारी प्राप्त हुई हैं ।अपने सुझाव आदि हमें लिखें updateagriculture@gmail.com
और देखें एग्री-बिजनेस : टॉप टेन कृषि व्यवसाय
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