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Tuesday, 17 March 2020

कारोनावायरस : प्रभावित पोल्ट्री, मत्स्य उद्योग

नमस्कार। मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आज हम कारोनावायरस से प्रभावित पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय के बारे में चर्चा कर रहे हैं। 
कारोनावायरस से प्रभावित पोल्ट्री मत्स्य  पालन
देश में पोल्ट्री , मीट ओर मत्स्य उद्योग अफवाहों का शिकार हो रहे हैं । कोरोनोवायरस से अफवाह इतनी फैल गई है कि  मांसाहार के माध्यम से कोरोनोवायरस पैर पसार रहा है जिसके कारण पोल्ट्री, मीट ओर मत्स्य  उद्योग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है जिसके चलते प्रतिदिन 1500-2000 करोड़ रुपए का भारी नुक़सान हो रहा है।  इन उधोगों से जुड़े हुए करीब करीब 5-10 करोड़ लोगों के व्यापार प्रभावित होकर काम काज ठप होने की कगार पर पहुंच गया है। जोकि चिकन मीट खाने से कारोना वायरस के प्रसार की गलत अफवाहों का सामना कर रहे हैं।
     पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विभाग के अधिकारियों मुताबिक अंडा, चिकन मीट खाने से कारोना वायरस फैलने की अफवाह फैलाई जा रही है जबकि परीक्षणों में कोई वैज्ञानिक आधार पर प्रमाणित नहीं हुआ है ।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पशु-पक्षी से मानव में कारोना वायरस के प्रसार का माध्यम की पुष्टि को नकारते हुए मानव से मानव में फैलने को बताया है।

   इन अफवाहों के कारण अफवाह ने पोल्ट्री, मीट और मत्स्य उद्योग को काफी नुकसान पहुंचाया है और किसानों को थोक मूल्य काफी कम मिल रहा है जोकि चिकन कीमतें 70 प्रतिशत तक गिर गई है।
साथ ही पोल्ट्री उधोगों में  मक्का , सोयाबीन, बाजरा आदि दानो की आपूर्ति ना होने के कारण मध्यम वर्ग लघु वर्गीय किसानों को भी प्रभावित किया है।
भारत का पोल्ट्री उद्योग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का है और 50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 1.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।  इस प्रकार, पोल्ट्री उद्योग द्वारा देश में लगभग दो करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।

धन्यवाद 


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