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Monday, 16 March 2020

फसल पद्धति

फसल पद्धति 
फसल उत्पादन में वृद्धि करने के लिए किसान को फसल पद्धति के अनुसार निश्चय समय में विभिन्न तरीके से फसलों को उगा सकते हैं । फसल पद्धति के अंतर्गत आने वाले तथ्यों को निम्न लिखे लेख से समझ सकते हैं 

1. एक कैलेंडर वर्ष में एक ही भूमि पर दो या दो से अधिक फसलें उगाना कहते हैं - एकाधिक फसल

 2. निश्चित पंक्ति व्यवस्था के साथ 2 या अधिक फसलों को एक साथ उगाना - इंटर क्रॉपिंग कहलाता है

3. साल-दर-साल जमीन के एक टुकड़े पर केवल एक ही फसल उगाना -मोनो क्रॉपिंग कहलाता है

4. एक खेती वर्ष में भूमि के एक ही टुकड़े पर कम या अधिक फसलों को उगाना - अनुक्रमिक फसल कहलाता है
5. खरीफ और रबी के मौसम के बीच की फसलों को उगाने को कहा जाता है - जायद फसल 

6. ऐसी फसलें जो मुख्य रूप से मिट्टी को ढकने के लिए उगाई जाती हैं और नमी बनाये रखना और क्षरण को कम करने के लिए उगाई जाती है - कवर फसल कहलाती हैं

7. उत्तर पूर्वी क्षेत्र के पहाड़ी इलाक़ों में कटाई और जलाने की खेती को कहा जाता है - झूम / खेती को स्थानांतरित करना

8. एक ही भूमि पर एक ही समय में विभिन्न ऊंचाइयों की फसलों को एक साथ उगाने की प्रणाली को कहा जाता है- मैल्टी मंजिला फसल
मल्टी मंजिला क्रॉपिंग का उदाहरण है - नारियल + काली मिर्च + कोको + अनानास




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